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रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईआरएसडीसी) ग्वालियर सहित देश के चार स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद में लगा है। ग्वालियर, नागपुर, साबरमती और अमृतसर रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित किया जाना है लेकिन दो माह बाद भी टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। इसका कारण रेलवे बोर्ड द्वारा यात्रियों से लिया जाना वाला यूजर चार्ज तय नहीं करना है।




 




ऐसे में आईआरएसडीसी दो बार तारीख बढ़ा चुका है। पहले 6 फरवरी को बिड खुलनी थी लेकिन प्रमोटर द्वारा आवेदन नहीं किए जाने के कारण यह तारीख बढ़ाकर 21 फरवरी कर दी गई, फिर भी यूजर्स चार्ज तय नहीं हो सका है। इससे प्रमोटर ने टेंडर डालने से इनकार कर दिया है। आईआरएसडीसी के सीजीएम सिविल, वीबी सूद ने बताया कि मार्च के तीसरे सप्ताह तक यूजर चार्ज तय होने की उम्मीद है।



यात्रियों से कंपनी 60 साल तक वसूल सकेगी चार्ज


यूजर चार्ज ऐसा शुल्क है, जो यात्रियों से टिकट के साथ वसूल किया जाएगा। यानी ऐसे रेलवे स्टेशन, जिन्हें विश्वस्तरीय बनाया जाना है, उन स्टेशन के यात्रियों से यह चार्ज वसूल किया जाएगा। इस तरह का चार्ज स्टेशन को पुनर्विकसित करने वाली कंपनी 60 साल तक यात्रियों से वसूल करेगी।



तीन गेट होंगे- एक नंबर गेट से मिलेगी एंट्री, यात्री सीधे फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचेंगे : डीआरएम संदीप माथुर ने बताया कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के बाहर तीन गेट बनाए जाएंगे। पहला गेट जीआरपी थाने के बगल वाला गेट होगा। जिसमें यात्रियों को फुटओवर ब्रिज के से फर्स्ट फ्लाेर में एंट्री मिलेगी। यहां शॉपिंग काॅम्प्लेक्स के साथ वेटिंग हॉल होगा। गेट नंबर दो हेरिटेज लुक में होगा। इससे न एंट्री मिलेगी न बाहर निकल सकेंगे। गेट नंबर तीन से यात्री बाहर जा सकेंगे।



डीआरएम बोले- टेंडर प्रक्रिया में अभी दो से तीन माह लग सकते हैं
एक दिन पहले ग्वालियर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण डीआरएम संदीप माथुर ने किया था। इस दौरान डीआरएम का कहना था कि रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की प्रक्रिया चल रही है। यात्रियों से यूजर चार्ज लिया जाएगा या नहीं, इसका अभी निर्णय नहीं हो सका है। दो से तीन माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है